वेदमन्त्रों एवं शंख ध्वनियों के साथ जगे देव……
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मांगलिक कार्यों के लिए अबुझ मुहूर्त है देवोत्थान एकादशी : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी
अलीगढ। देव शयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक लगभग पांच माह क्षीरसागर में योग निद्रा में रहने के बाद गुरुवार को प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को बड़े धूम धाम के साथ जगाया गया।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में श्रीधाम बृन्दावन स्थित गरुण गोविन्द मंदिर में देवोत्थान एकादशी को मनाया गया जिसमें स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री,ऋषि शास्त्री,ऋषभ वेदपाठी आदि आचार्यों ने भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष कर्तल एवं शंख की ध्वनियों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जगाया उसके बाद विधि विधान से दूध,दही,घी,शहद,बूरा से अभिषेक करवाया और सुंदर वस्त्र अर्पित किये। स्वामी पूर्णानंदपुरी जी ने इस अवसर पर बताया कि किसी भी शुभ कार्य हेतु भगवान विष्णु को आराध्य मानकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। आज से सभी मांगलिक कार्य पुनः प्रारंभ हो जाएंगे, और आज किये गए मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि दिन अबूझ मुहूर्त होता है।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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