गुप्त साधना का विशेष पर्व है नवरात्रि : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
1 min readअलीगढ : माघ मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है,नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शक्ति की साधना की जाती है।देवी जगदम्बा को समर्पित पावन नवदिवसीय पर्व का प्रारंभ 10 फरवरी से हो चुका है,वैदिक ज्योतिष संस्थान पर नवरात्रि की विशेष पूजा एवं अर्चना की गयी।
शनिवार से प्रारम्भ हुए गुप्त नवरात्रि के पहले दिन की पूजा में वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री,ऋषि शास्त्री,शिवम व्यास,चंदर शास्त्री आदि आचार्यों ने वैदिक विधि विधान से देवी के घट स्थापन कर दूध,दही,घी,शहद,शर्करा एवं पंचामृत आदि से प्रतिमा का स्नान करवाकर रोली एवं पुष्पों से अर्चन किया।स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने इस अवसर पर बताया कि शास्त्रों के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि का पर्व होता है,जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी पड़ती है।पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में मनायी जाती हैं।गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है,मां दुर्गा की उपासना हेतु इन 9 दिनों तक साधक गुप्त तरीके से शक्ति साधना व तंत्र सिद्धि करते हैं।पूजा अर्चना के पश्चात देवी की महाआरती की गयी।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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