सिकंदराराऊ : अक्षय नवमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया
1 min readसिकंदराराऊ : अक्षय नवमी का पर्व रविवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की परिक्रमा लगाई। महिलाओं ने भगवान विष्णु का प्रतीक आंवला के पेड़ की पूजा अर्चन करने के बाद दान पुण्य किया। परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। पेड़ के नीचे ब्राह्मणों को भोजन भी कराया गया। अक्षय नवमी पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह रहा। महिलाओं ने सुहाग के सामान सहित फल व फूल चढ़ाया।
अक्षय नवमी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कई जन्म संवर जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले की उत्पत्ति हुई थी। यह विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है। इसलिए इस दिन को आंवला के वृक्ष की पूजा से त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश के साथ ही माता लक्ष्मी की भी अपार कृपा प्राप्त होती है। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष में धागा बांधा और पूजा-अर्चना के साथ व्रत पूरा किया।
पंडित सुभाष दीक्षित ने अक्षय नवमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चन व नीचे भोजन पकाकर खाने एवं दान पुण्य करने से अक्षय आयु व निरोग काया की प्राप्ति होती है।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
यह भी देखें: