आज से प्रारंभ हो रहे हैं मांगलिक कार्य बजेंगी शहनाई
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- पांच महीने की निंद्रा के बाद देवोत्थान एकादशी को जगेंगे देवउठनी एकादशी आज मनायी जा रही है अर्थात आज से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस दिन लोग घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा औरतुलसी शालिग्राम के विवाह का आयोजन करते हैं।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि कल रात्रि 11:03 से प्रारंभ हो चुकी है जो कि आज रात्रि 09:01 मिनट तक रहेगी। इस बार एकादशी तिथि पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग आदि विशेष संयोग बनने जा रहे हैं,सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 11:55 से वहीं रवि योग सुबह 6:50 से शाम 5:16 तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:50 से 08:09 मिनट तक रहेगा वहीं रात्रि का मुहूर्त सांय 05:25 से रात्रि 08:46 मिनट तक रहेगा। व्रत पारण करने का समय कल प्रातः 06:51 मिनट से 08:57 मिनट तक रहेगा।
एकादशी के महत्त्व के विषय में स्वामी जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है देवउठनी एकादशी की रात्रि जागरण कर पूजा करने से साधक की आने वाली 10 पीढ़ियां विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करती है,पितृ नरक से मुक्ति पाते हैं। वहीं पूजा विधान के अनुसार इस दिन प्रातः जल्दी दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर एक चौकी पर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करके सांय काल में गन्ने का मंडप बनाकर चावल के आटे द्वारा देवठान बनाकर सिंघाड़े का भोग लगाएं और गन्ने का जूस अर्पित करें।
इस दिन तुलसी विवाह का विशेष महत्व है मान्यता अनुसार तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान फल की प्राप्ति होती है, इसलिए यदि किसी व्यक्ति की कन्या न हो तो उसे तुलसी विवाह करके कन्या दान का पुण्य जरूर कमाना चाहिए। जो व्यक्ति विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह संपन्न करता है उसके मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं। साथ ही तुलसी और भगवान शालिग्राम का विधिवत पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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