ध्रुव और वृद्धि योग में मनाया जाएगा श्रावण शिवरात्रि का विशेष पर्व : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
1 min readप्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में शिवरात्रि मनायी जाती है जिसे मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं। पवित्र मास श्रावण में शिवरात्रि का विशेष महत्व है यह मासिक शिवरात्रि इस बार 15 जुलाई यानि कल रहेगी। इस दिन भगवान शिव के भक्तों द्वारा कावड़ यात्रा के पश्चात जल चढ़ाने की परंपरा है।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार 15 जुलाई को प्रातःकाल से ही त्रियोदशी लग रही है जिसके उपरांत रात्रि 08:32 मिनट से 16 जुलाई रात्रि 10:08 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी। अतः शिवरात्रि का पूजन मुहूर्त 16 जुलाई रात्रि 12:07 मिनट से 12:48 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस बार श्रावण शिवरात्रि पर वृद्धि और ध्रुव नामक दो महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं। इन योगों में पूजा पाठ करने से पुण्य फल में वृद्धि होती है। शिवरात्रि के दिन सुबह से रात्रि 12:23 बजे तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा।
इस विशेष शिवरात्रि की पूजा विधि और व्रत की जानकारी देते हुए स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि इस दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में जगकर स्नान के बाद पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की पार्थिव प्रतिमा स्थापित कर पंचामृत अभिषेक करवायें। बिल्बपत्र, भाँग, धतूरा, शमीपत्र भगवान शिव को अर्पित करें और पुष्पों से अर्चन कर रुद्राष्टक का पाठ करें और शिव परिवार की आरती करें।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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