कलियुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है : आचार्य वशिष्ठ
1 min readसिकंदराराऊ : गांव बपंडई स्थित ओंकार आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक आचार्य अवनीश वशिष्ठ ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण एवं गोवर्धन महाराज की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया तथा छप्पन भोग के दर्शन कराए ।
कथा व्यास ने कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, बकासुर, सकटासुर, तृणासुर का उद्धार, ब्रह्मा जी का मान मर्दन, गोवर्धन पूजा , यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गौ प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए।
आचार्य अवनीश वशिष्ठ ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलियुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलियुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।
इस अवसर पर दवा व्यवसाई एवं समाजसेवी उमाशंकर शर्मा ने पूजा अर्चना करके कथा का शुभारंभ किया वहीं युवा समाजसेवी आकाश दीक्षित, अरुण दीक्षित एवं मनोज उपाध्याय ने व्यासपीठ का पूजन कर कथावाचक आचार्य अवनीश वशिष्ठ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
समाजसेवी उमाशंकर शर्मा ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है। आज के परिवेश में यह आवश्यक हो गया है । युवा पीढ़ी को संस्कार और संस्कृति से जोड़ा जाए। भागवत कथा एक सशक्त माध्यम है जो भक्ति के साथ संस्कार, संस्कृति और धर्म का प्रचार करती है।
इस मौके पर हाकिम सिंह प्रधान नगला मियां, रोहित दीक्षित, दुर्वेश पचौरी, दीपेश पाठक , संजय द्विवेदी, पुष्प कुमार शर्मा, नीरज अग्रवाल, उमाशंकर शर्मा, नरेंद्र दीक्षित ,राकेश पचौरी, अनिल पाठक, राजन लाल प्रधान जी, हिमांशु दीक्षित, सीपी शर्मा, केके, जतिन, विष्णु, अंकुश पाठक, आदि मौजूद रहे।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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