नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर आयोजित कथा के छठे दिन बोले आचार्य दीक्षित

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सिकंदराराऊ : रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है। रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है ।
उक्त बातें नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर चतुर्वेदी परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के छठे दिन की कथा के दौरान भागवत आचार्य पंडित सुभाष दीक्षित ने कहीं।
भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है।
कथा में नोएडा से पधारे उद्योगपति ब्रह्मदेव शर्मा एवं राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त डॉ सुभाष चंद्र शर्मा ने व्यासपीठ की पूजा अर्चना की। आयोजकों ने उन्हें फूल माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। व्यापारी नेता संजीव महाजन व बबलू सिसोदिया बृज बिहारी कौशिक और चेतन शर्मा, कृष्णकांत कौशिक, प्रशांत शर्मा ,राजू शर्मा ने कथा व्यास को सम्मानित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर विनय चतुर्वेदी, रमेश चतुर्वेदी, मुनेश चतुर्वेदी, नरेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, तरुण चतुर्वेदी, अरविंद शर्मा, मोहित उपाध्याय, बृज बिहारी कौशिक , योगेश उपाध्याय , व्यापारी नेता संजीव महाजन, बबलू सिसोदिया, चेतन शर्मा, कृष्णकांत कौशिक , प्रशांत शर्मा, श्री कृष्ण दीक्षित, अनिल शर्मा, शरद शर्मा , रितिक पांडेय, शशांक दीक्षित, विशाल पचौरी, सुरेन्द्र सिंह, आदि मौजूद रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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