नवरात्रि व्रत के नियम, इनके बिना व्रत होता है असफल, नहीं मिलता व्रत का लाभ

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कहते हैं नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना जल्द पूरी होती है। लेकिन, नवरात्रि के व्रत में कुछ नियम है जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। शास्त्रों में इन नियमों का जिक्र किया गया है। तो आइए जानते हैं नवरात्रि व्रत नियम के बारे में जिनका पालन किए बिना अधूरा है नवरात्रि का व्रत।

  • नवरात्रि व्रत रखने वाले को झूठ, छलकट आजि जैसे विचार मन में नहीं लाने चाहिए। हमेशा सत्य बोलना चाहिए। साथ ही अपने मन को संयम में रखना चाहिए और अपने इष्ट देव का ध्यान करना चाहिए और मन में किसी भी नकारात्मक विचार को नहीं आने देना चाहिए।
  • शास्त्रों के अनुसार, लोग नवरात्रि व्रत कई अलग अलग तरीके से रखते हैं। जैसे कुछ लोग एक समय भोजन करते हैं। कुछ लोग फलाहार, कुछ जल और कुछ तुलसी और गंगाजल पीकर ही नवरात्रि व्रत रखते हैं। लेकिन आमतौर पर गृहस्थ लोग एक समय भोजन करके व्रत रखते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको फलाहार नहीं करना चाहिए। अगर किसी की तबीयत सही नहीं है ऐसी स्थिति में व्यक्ति फलाहार कर सकता है।
    • व्रत के समय व्यक्ति को लकड़ी के तख्त पर नहीं सोना चाहिए। इस दौरान ज्यादा गुदगुदे गद्दे इत्यादि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान क्षमा, दया, उदारता एवं उत्साह आदि दिव्य भावों से युक्त रहें तथा क्रोध, लोभ, मोह इत्यादि तामसी भावों को अपने मन में भी न आने दें।
    • अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है और उम्मीद है कि उसका व्रत भंग हो सकता है उसे व्रत नहीं रखना चाहिए। अगर किसी को जरूरी यात्रा पर जाना है तो ऐसे व्यक्ति को भी व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि, ऐसी में व्रत रखना थोड़ा मुश्किल होता है और व्रत को बीच में नहीं तोड़ना चाहिए।
    • अगर आप सप्तमी, अष्टमी या नवमी तिथि के दिन व्रत खोल रहे हैं तो इस दिन 9 कुंवारी कन्याओं को भोजन जरूर कराएं। साथ ही इस दिन माता के नाम से हवन और पूजन पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए।
    • हर दिन खोलने से पहले शाम के समय पहले माता नाम से दीपक जलाएं और उनकी आरती जरुर करें। इसके बाद ही आपनो व्रत खोलें। इसी के साथ जो लोग फलाहार करते हैं तो उन्हें इस बात का ख्याल रखना चाहिए की खाने में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए।

INPUT- JYOTI GOSWAMI

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