सिकन्दराराऊ : राम-जानकी प्रसंग सुन समूचा कथा स्थल खुशी से झूम उठा
1 min readसिकन्दराराऊ : व्यास पीठ पर विराजित आचार्य सतगुरु शरण जी महाराज जी ने राम-जानकी विवाह का प्रसंग सुनाया। राम-जानकी प्रसंग सुन समूचा कथा स्थल खुशी से झूठ उठा। इस मौके पर पूर्व विधायक सुरेश प्रताप गांधी ने पहुंच कर कथा श्रवण की तथा व्यासपीठ का पूजन कर महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजक आकाश दीक्षित ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
ममता फार्म हाउस में चल रही श्री रामकथा में श्री महाराज ने बताया कि सीता स्वयंवर पर प्रत्यंचा च़ढ़ाना कोई सरल कार्य नहीं था। राम ने जनकपुर के स्वयंवर में अपनी अदभुत वीरता दिखाई और जिस धनुष को राजा महाराजा हिला नही सकें उस धनुष को उठाकर रामजी ने सीता से विवाह किया। माता सीता ने रामजी के गले में वर माला डालकर उन्हे पति के रूप में स्वीकार किया। इस मौके पर समूचा स्थल राम जानकी विवाह की मस्ती में झूम उठा। जैसे ही सतगुरु शरण जी ने सीता की विदाई की कथा सुनाई तो श्रोताओं की आंखे नम हो गई। उन्होंने कहा कि जनकपुर से जब सीताजी की बिदाई हुई तब उनके माता-पिता ने उन्हें ससुराल में कैसे रहना है इसकी सीख दी। प्रत्येक माता-पिता को अपनी पुत्री के विवाह के समय ऐसी ही सीख देनी चाहिए। कन्या को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे ससुराल व मायका दोनों कुल कलंकित हो। माता सीता ने पूरे जीवन अपने माता पिता की सीख का पालन किया ओर जीवन में कष्ट सहन करते हुए भी कोई अनुचित कार्य नहीं किया।
राम कथा में बनवारी लाल शर्मा, शर्मिष्ठा देवी, ममता शर्मा, प्रभा दीक्षित, बीना शर्मा, रेनु दीक्षित, रीना शर्मा, रामश्री, अनुष्का दीक्षित, भूमि शर्मा, चरु गुप्ता, रामा पांडे, उर्मिला कौशिक, रितिक पांडे, विशाल पचौरी, उत्कर्ष पाठक, अनन्त चतुर्वेदी, राजू देवी, सतीश दुबे, अनिल शर्मा,पांडे जी, अशोक उपाध्याय, नितिन भारद्वाज, मुकेश शर्मा, दुर्गेश पचौरी, रिंकू शर्मा, मयंक उपाध्याय, चेतन शर्मा, भूपेन्द्र उपाध्याय, सत्यप्रकाश शर्मा, आदि लोग मौजूद रहे।