महिलाओं ने की जगह जगह स्याऊ माता की पूजा अर्चना
1 min readसिकंदराराऊ : महिलाओं ने जगह जगह स्याऊ माता की पूजा अर्चना की। इस मौके पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से स्याऊ माता की कथा कही एवं भजन गाए ।
उल्लेखनीय है कि दीपावली की सुबह स्याऊ माता की पूजा अर्चना करने से पहले घर की बुजुर्ग महिला एक पुराने रूप को खटकाते हुए घर से दरिद्र को बाहर करती हैं। उसके बाद घर की साफ सफाई के उपरांत सामूहिक रूप से महिलाएं स्याऊ माता की पूजा अर्चना करती हैं और स्याऊ माता से सुख समृद्धि पति एवं संतान की दीर्घायु यश वैभव की प्राप्ति के लिए माता से कामना करती हैं। दीपावली पर सुख समृद्धि के लिए सभी घरों में मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन होता है। दीपावली पर जितना जरूरी मां लक्ष्मी का पूजन होता है, उतना ही जरूरी स्याऊ मैया का पूजन भी होता है। स्याऊ मैया के पूजन के बिना दीपावली की पूजा अधूरी है।
दीपावली की अगली सुबह स्याऊ मैया का पूजन किया जाता है। स्याऊ मैया का पूजन बच्चों की सुख समृद्धि के लिए किया जाता है। सूर्योदय से पहले ये पूजन शुरू हो जाता है। इसमें गाय के गोबर से स्याऊ मैया बनाई जाती हैं। इसके बाद घर की सभी महिलाएं इस पूजा में शामिल होती हैं। पूजन किया जाता है, जिसमें स्याऊ मैया के भजन गाए जाते हैं।