राम कथा के अंतिम दिन सीता हरण, हनुमान जी व राम जी की भेंट, बाली वध, लंका दहन, लक्ष्मण और इंद्रजीत व राम रावण के भीषण युद्ध की कथा का वर्णन

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सिकंदराराऊ : अन्तिम दिवस भगवान राम और रावण युद्ध को संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया।व्यास पीठ का पूजन कर व्यास जी का स्वागत पटका पहनाकर व माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट करके धीरज पांडे, सीओ शीलेन्द्र भारद्वाज, श्री परशुराम सेना के सजल पंडित, मयंक उपाध्याय ने पूरी टीम के साथ किया। कथा विश्राम के अवसर पर आयोजक आकाश दीक्षित ने सभी अतिथियों स्वागत एवं सभी श्रोताओं का सम्मान सहित आभार प्रकट किया। जिन्होंने कथा में पधार कर आयोजन को भव्य व एतिहासिक रूप दिया। भरत मिलाप की कथा सुनकर सभी भक्त भावुक हो गए।
कथा व्यासजी श्री सुनील कौशल जी महाराज का एक एक शब्द सभी भक्तों ने बहुत ध्यान से सुना। आचार्य जी ने सीता हरण, हनुमान जी व राम जी की भेंट, बाली वध, लंका दहन, लक्ष्मण और इंद्रजीत के युद्ध की कथा सुनायी और इसके बाद राम रावण के भीषण युद्ध की कथा सुनायी। तत्पश्चात अयोध्या आगमन और श्री राम राज्याभिषेक हुआ।
अंतिम दिन कथा में मुख्य रूप से मनोज कौशिक, महेश चंद्र शर्मा, ओमप्रकाश वर्मा, भूपेंद्र शर्मा, सतीश चंद्र दुबे, राहुल दीक्षित, अनिल पाठक, अंकित कौशिक, दिनेश भारद्वाज, मोहनलाल, पांडे जी, मनोज ठाकुर, नेम किशोर शर्मा, उमाशंकर शर्मा, शैलू शर्मा, शशिकांत शर्मा, पारस शर्मा, हर्ष गुप्ता, सोनू पंडित, पारस शर्मा, चेतन पंडित आदि उपस्थित रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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