कालसर्प अनुष्ठान की दूसरे दिन की पूजा हुई संपन्न
1 min readअलीगढ : वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वाधान में खेरेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहे त्रिदिवसीय कालसर्प योग एवं पितृ दोष अनुष्ठान के दूसरे दिन की पूजा में पार्थिव लिंग स्वरुप भगवान शिव का अभिषेक एवं राहु केतु का जप किया गया।
रविवार प्रातःकालीन बेला में आचार्य गौरव शास्त्री की अध्यक्षता में चल रहे कालसर्पयोग एवं पितृ दोष निवारण अनुष्ठान के दूसरे दिन ऋषि शास्त्री, ओमवेदपाठी, ऋषभ शास्त्री, चंदर शास्त्री आदि आचार्यों ने सभी जातकों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक करवाया और राहु केतु ग्रहों के पतिकूल प्रभाव से निवारण हेतु हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। गौरव शास्त्री ने बताया कि कुंडली में राहु और केतु द्वारा निर्मित बुरे प्रभाव को कालसर्प दोष कहा जाता है। यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते हैं तो इस दोष को ही कालसर्प दोष कहा जाता है। पार्थिव शिव अभिषेक एवं राहु केतु जप द्वारा निरंतर दो दिन की पूजा में अन्य मन्त्रों द्वारा ग्रहों के अनुकूल प्रभाव हेतु विद्वान ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ करवाया गया |
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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