सुदामा और कृष्ण की मित्रता से मिलती है सीख: सुभाष चंद्र दीक्षित

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सिकंदराराऊ : नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर चतुर्वेदी परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के सातवें दिन भगवान कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मां देवकी को वापस देना, सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास पंडित सुभाष दीक्षित ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए । यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं । उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे लेकिन द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है, जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं।
हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ने कथा में पहुंचकर व्यासपीठ का पूजन किया और भागवताचार्य का सम्मान किया। इस मौके पर आयोजकों ने श्रीमती उपाध्याय का फूल माला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। उन्होंने कहा जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है। आज के परिवेश में यह आवश्यक हो गया है । युवा पीढ़ी को संस्कार और संस्कृति से जोड़ा जाए। भागवत कथा एक सशक्त माध्यम है जो भक्ति के साथ संस्कार, संस्कृति और धर्म का प्रचार करती है।
इस अवसर पर पूर्व ब्लाक प्रमुख देवदत्त वर्मा, राज आयुर्वेदिक फार्मेसी के प्रबंध निदेशक देवेंद्र राघव ने व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजकों ने उनका पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट करके स्वागत किया।
इस अवसर पर विनय चतुर्वेदी, रमेश चतुर्वेदी, मुनेश चतुर्वेदी, नरेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, तरुण चतुर्वेदी, अरविंद शर्मा, मोहित उपाध्याय, बृज बिहारी कौशिक ,आरती त्रिवेदी, मीरा माहेश्वरी, विशाल चौहान, योगेश उपाध्याय , चेतन शर्मा, शरद शर्मा, केके शर्मा, रितिक पांडेय, शशांक दीक्षित, विशाल पचौरी, आर के सिंह जादौन आदि मौजूद रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI 

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