कात्यायनी देवी की की पूजा से मिलती हैं सुंदर वर की प्राप्ति : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
1 min readअलीगढ: माँ दुर्गा की भक्ति का पर्व नवरात्रि बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में शतचंडी अनुष्ठान के छटवे दिन की विधिवत पूजा अर्चना की गयी।
स्वर्ण जयंती नगर सीजन्स अपार्टमेंट स्थित वैदिक ज्योतिष संस्थान कार्यालय पर चल रहे शतचंडी अनुष्ठान के चाहिए
छटवे दिन स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के निर्देशन में आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, रवि शास्त्री, ऋषभ वेदपाठी ने मुख्य यजमान प्रवीन बार्ष्णेय,नीलम वार्ष्णेय प्रमोद गुप्ता द्वारा भगवती का विशेष पूजन करवाया तथा भगवती के एक हजार नामों के साथ कनेर, गुलाब के पुष्पों से अर्चन करवाया। स्वामी पूर्णानंदपुरी जी ने इस अवसर पर बताया कि नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है,देवी का ये स्वरूप चमकीला एवं तेजमय हैं जो कि संयम और साधना का प्रतीक है। इनकी पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही शीघ्र विवाह के योग का वरदान भी मिलता है।
मान्यता हैं कि द्वापर युग में गोपियों ने श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए माता कात्यायनी की पूजा की थी। मां कात्यायनी महर्षि कात्यायन की पुत्री के रूप में जानी जाती हैं। देवी की पूजा के बाद हुई महाआरती में उत्कर्ष अग्निहोत्री, निपुण उपाध्याय, शिब्बू अग्रवाल, सुमित वर्मा, कपिल शर्मा, पवन तिवारी आदि उपस्थित रहे।
INPUT- VINAY CHATURVEDI