त्रिभुवन में अत्याचार और अनाचार होने पर भगवान श्री हरि विष्णु लेते हैं अवतार : श्री श्याम जी महाराज
सिकंदराराऊ : गांव नगला महासिंह में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को वृंदावन धाम से पधारे कथाव्यास ब्रजरसिक आचार्य प्रेममूर्ति श्री श्याम जी महाराज ने कृष्ण जन्म उत्सव की कथा सुनाई। कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। समूचा कथा पंडाल भगवान श्री कृष्ण के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। सभी श्रद्धालु भक्ति से सराबोर होकर झूमने लगे। श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान भव्य झांकी प्रस्तुत की गई। भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती उतारी। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की… जैसे भजन गए। कथाव्यास आचार्य प्रेम मूर्ति श्री श्याम जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए कहा कि जब भी त्रिभुवन में अत्याचार और अनाचार होते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु का अवतार होता है। श्री श्याम जी महाराज ने कहा कि शरीर रूपी मथुरा में जब हृदय रूपी गोकुल में भगवान का प्रकटीकरण होता है तो परमानंद की प्राप्ति होती है। कथाव्यास ने कहा कि जन्म चाहे कभी भी हो वह कर्म से अपने भाग्य का निर्माण कर लेता है। कृष्ण का मतलब होता है सभी को आकर्षित करने वाला। संध्या समय भगवान की आराधना व ध्यान भजन से मनुष्य को आध्यात्मिक शांति मिलती है। कथा के दौरान भक्ति भजन से प्रस्तुति से श्रद्धालु कथा स्थल पर झूमते नजर आए वहीं आरती के बाद श्रदालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया ।