श्री राम कथा के दौरान शिव विवाह की कथा सुनकर झूमे श्रद्धालु
1 min readसिकंदराराऊ : गांव भैकुरी स्थित श्री नारायण धाम मनकामेश्वर मंदिर पर श्री राम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी । समूचा वातावरण भगवान श्रीराम के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
मुख्य यजमान पंडित सत्य प्रकाश शर्मा एवं प्रमोद पालीवाल, श्री कृष्ण स्वरूप शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा और ने विधिविधान से श्री गणपति एवं कलश और नवग्रह का पूजन किया। द्वितीय दिवस की कथा में पूज्य गौरव कृष्ण शास्त्री महाराज ने बताया कि माता सती ने अभिमान वश कूंभज ऋषि से श्री राम की कथा को नहीं सुना और श्री राम पर संदेह किया। उसके बाद माता सती बिना बुलाए अपने पिता के घर यज्ञ में गई। भगवान शंकर का और अपना अपमान सहन नहीं कर सकीं। योग अग्नि के द्वारा अपने शरीर को जलाकर भस्म कर दिया। लेकिन माता सती ने दोबारा जन्म लिया और जिसके बाद हर-गौरी का विवाह आनंदपूर्वक संपन्न हुआ। हिमाचल ने कन्यादान दिया। विष्णु भगवान तथा अन्यान्य देव और देव-रमणियों ने नाना प्रकार के उपहार भेंट किए। ब्रह्माजी ने वेदोक्त रीति से विवाह करवाया। विवाह उत्सव का आनंद लेते हुए सभी ने झूमकर नाच ,कूद कर अपनी हाजिरी लगाई तथा कथा के अंत में भगवान शंकर के विवाह और दिव्य देवताओं और भूत प्रेतों सहित बारात की बहुत सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई। जिसका सभी ने दर्शन किया।