शिव की भक्ति के बिना राम जी की भक्ति प्राप्त नहीं होती: सतगुरु शरण महाराज
1 min readसिकन्दराराऊ : शिव की भक्ति के बिना राम जी की भक्ति प्राप्त नहीं होती। इसीलिए रामचरित मानस में राम जन्म के पूर्व शिव कथा का प्रसंग है। राम और रावण दोनों ही शिव के परम भक्त हैं, नंद बाबा भी शिव भक्त हैं क्योंकि भगवान शिव सुर, असुर, दानव, देवता सब को वरदान देते हैं, इसीलिए वे महादेव हैं।
उक्त बातें ममता फार्म हाउस में चल रही श्री राम कथा में सतगुरु शरण महाराज जी ने तृतीय दिवस की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहीं।उन्होंने कहा कि कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर-सुमिर नर उतरहि पारा। कलयुग में केवल हरि नाम संकीर्तन ही भवसागर से पार करने वाली वह नैया है, जिस पर बैठकर पापी मनुष्य भी भव से पार हो जाता है। सतयुग में यज्ञ, द्वापर में दान, त्रेता में तप की बड़ी महिमा थी । लेकिन इन सब में कलयुग की महिमा को बड़ा ही महान बताया गया है कि केवल भगवान नाम से ही इस कलिकाल में ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।
कथा का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने कहा कि रामचन्द्र जी का जन्म दशरथ का कुल चलाने या कौशल्या की गोद भरने को नहीं हुआ था। उन्हें तो दुष्टों का संहार और संतों की रक्षा के लिए अवतरित होना पड़ा। श्रीराम चाहते तो वे भी अन्य राज पुत्रों की तरह राजमहल में रहकर जीवनयापन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने तो धर्म की रक्षा के लिए सब सुखों को त्यागकर संतों और आम जनता के हित के लिए असुरों का संहार किया।
महाराज जी ने कहा कि प्रभु श्री राम के जन्म के समय योग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। चर अरु अचर हर्ष जुत राम जनम सुख मूल। अर्थात जब भगवान का जन्म हुआ तो योग लग्न गृह वार और तिथि सभी अनुकूल हो गए, जड़ और चेतन सभी खुशी से भर गए, क्योंकि भगवान श्री राम का जन्म सुख का आधार है। अयोध्या में महाराजा दशरथ के यहां श्री राम अपने अंशों सहित अवतरित होते हैं। फिर गुरु वशिष्ठ द्वारा चारों भाइयों का नामकरण संस्कार होता है।
इस मौके पर शर्मिष्ठा देवी, ममता शर्मा, प्रभा दीक्षित, बीना शर्मा, रेनु दीक्षित, रीना शर्मा, रामश्री , ज्योति शिवानी, पूजा, राधा, रिकी , अनुष्का दीक्षित, भूमि शर्मा, चरु गुप्ता, रामा पांडे, उर्मिला कौशिक, राजू देवी, आकाश दीक्षित, बनबारी लाल शर्मा, रामकिशन दीक्षित, सतीश दुबे, अनिल शर्मा, पांडे जी, मुकेश शर्मा, दुर्गेश पचौरी, रिंकू शर्मा, मयंक उपाध्याय, चेतन शर्मा, भूपेन्द्र उपाध्याय, सत्यप्रकाश शर्मा, सोनपाल दीक्षित, गिरीश दीक्षित, श्रीनिवास शर्मा, सतीश गुप्ता, रामप्रकाश गुप्ता, हरेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, अजित चौधरी, अनिल बघेल, अनिल शर्मा, सुधीर ठाकुर आदि ने कथा रसपान किया।