धर्म रक्षा के लिए सदैव अवतार लेते हैं भगवान : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
1 min readअलीगढ : वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। मध्य रात्रि तक भजन कीर्तन एवं स्तुतियों के माध्यम से सभी भक्तों ने कृष्ण के अवतार का विधिवत पूजन अर्चन किया।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, ऋषभ वेदपाठी आदि आचार्यों ने सांयकालीन बेला में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया जिसमे सभी भक्तों ने सुंदर सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने आशीर्वचनों के माध्यम से कहा कि भगवान श्री कृष्ण 14 विद्या और 16 आध्यात्मिक और 64 सांसारिक कलाओं में पारंगत थे। इसीलिए उनको जगन्नाथ और जग के गुरु जगदगुरु की संज्ञा दी गयी,विष्णु के आठवें अवतार और बाल्यकाल से ही उन्होंने राक्षसों का वध किया, अधर्म को नष्ट करने के लिए उन्होंने अपने मामा कंस का भी वध किया।मध्य रात्रि कान्हा के जन्मोत्सव पर दूध, दही, घी, शहद, बूरा, पंचामृत से स्नान करवाकर सुंदर वस्त्र पहनाये और शंख, घंटा की ध्वनियों पर भगवान श्री कृष्ण की महाआरती की। इस अवसर पर रजनीश वार्ष्णेय, पवन तिवारी, संजय नवरत्न,राहुल सिंह, तेजवीर सिंह, शिब्बू अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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