छठ पूजा का खरना पर्व आज……

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तन,मन एवं आत्मा की शुद्धिकरण का पर्व है खरना : आचार्य गौरव शास्त्री
अलीगढ। नहाय खाय के साथ कल से छठ पूजा के चार दिवसीय महापर्व का प्रारंभ हो चुका है इस विशेष पर्व में भगवान सूर्य एवं उनकी पत्नी तथा बहन की पूजा संतानो की दीर्घायु एवं संतान प्राप्ति के लिए की जाती है।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के सचिव आचार्य गौरव शास्त्री ने छठ पर्व के दूसरे दिन की पूजा के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि छठ पूजा में दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन का उपवास रखती हैं। खरना का मतलब शुद्धिकरण होता है। खरना के दिन शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर व्रती महिलाएं पूजा करने के बाद अपने दिन भर का उपवास खोलती हैं।
खरना पर्व पर साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है, गुड़ खीर बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है।
गौरव शास्त्री ने खरना पूजा विधि के बारे में बताया कि आज शाम को पूजा करने के बाद महिलायें 36 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगी और सूर्य को अर्घ्य देंगी। शाम के समय घी लगी रोटी, गुड़ की खीर, और फल से भगवान का भोग लगाया जाता है।भोग लगाने के बाद महिलाएं यह प्रसाद के तौर पर ग्रहण करती हैं।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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