कृष्ण सुदामा की मित्रता से मिलती है सीख: दुर्गेश वशिष्ठ

1 min read
Spread the love

सिकंदराराऊ : तहसील क्षेत्र के जिरौली कलां गांव में चौराहा स्थित मंदिर प्रांगण में आयोजित भागवत कथा के सातवें दिन भगवान कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मां देवकी को वापस देना, सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए व्यासपीठ भागवताचार्य आचार्य पंडित दुर्गेश वशिष्ठ ब्रह्मचारी जी ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए । यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे लेकिन द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है, जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं।
ग्राम प्रधान संगठन के जिला उपाध्यक्ष बबलू सिसोदिया, समाजसेवी पूर्व सभासद चेतन शर्मा, पारस शर्मा, कन्हैया पचौरी आदि ने कथा में पहुंचकर भागवताचार्य व्यासपीठ आचार्य पंडित दुर्गेश वशिष्ठ का पूजन किया और भागवताचार्य का पटका उड़ा कर व भारत माता का छवि चित्र देकर सम्मान किया। उन्होंने कहा जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है। आज के परिवेश में यह आवश्यक हो गया है । युवा पीढ़ी को संस्कार और संस्कृति से जोड़ा जाए। भागवत कथा एक सशक्त माध्यम है जो भक्ति के साथ संस्कार, संस्कृति और धर्म का प्रचार करती है। आयोजकों द्वारा आगंतुक अतिथियों का भी स्वागत सम्मान अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर परीक्षत मुनेश चौहान, कन्हैया पचौरी, शिवम चौहान,शिवम पचौरी,मधुर चौहान ,कृष्णा मुरारी, गोलू,केपी परमार , डॉ शेष शर्मा,दिनेश कुमार सिंह उपस्थित थे।

INPUT  – VINAY CHATURVEDI

यह भी देखें :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *