अधिकमास में वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में होंगे निशुल्क पार्थिव शिव रुद्राभिषेक अनुष्ठान, रजिस्ट्रेशन प्रारंभ….

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59 दिवसीय दुर्लभ श्रावण माह में शिव पूजा का रहेगा विशेष महत्त्व : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज भगवान शिव का अत्यंत प्रिय श्रावण महीने का आरम्भ मंगलवार से हो चुका है।सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में लिंगस्वरुप भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार इस बार श्रावण महीना अधिक होने के कारण 59 दिन का सावन रहेगा जो कि लगभग 19 वर्ष बाद विशेष संयोग देखने को मिलेगा। पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी ने बताया कि देवाधिदेव महादेव एक लोटा जल मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं भिन्न भिन्न वस्तुओं के उपयोग से अनेकों प्रकार से लाभ मिल सकता है।जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है,असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें,भवन वाहन के लिए दही से अभिषेक करना चाहिए,लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से,धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से,तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रोगमुक्ति हेतु इत्र से,पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें,ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
उन्होंने कहा कि इस बार अधिक मास लगने के कारण श्रावण महीना 59 दिनों का होने जा रहा है ऐसे में भगवान शिव की पूजा पाठ एवं रुद्राभिषेक के लिए वैदिक ज्योतिष संस्थान के द्वारा श्रावण के प्रत्येक सोमवार को योग्य वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा भगवान शिव का निशुल्क रुद्राभिषेक किया जाएगा ऐसे में जो भी भक्तबृन्द 19 वर्षों बाद बने इस दुर्लभ संयोग में रुद्राभिषेक करने के इच्छुक हों वह वैदिक ज्योतिष संस्थान के सचिव आचार्य गौरव शास्त्री से 8006007069 पर सम्पर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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