30 मई को मनाया जाएगा गंगा दशहरा पर्व

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सिकंदराराऊ : ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव की जटाओं से माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं,इस दिन को मोक्षदायिनी मां गंगा को समर्पित माना जाता है। गंगा दशहरा का पावन पर्व इस बार 30 मई मंगलवार को मनाया जाएगा। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि दशमी तिथि 29 मई को प्रातः 11:49 से प्रारम्भ होकर 30 मई को दोपहर 1:07 पर समाप्त होगी अतः उदया तिथि के अनुसार गंगा दशहरा स्नान 30 मई को मान्य रहेगा। गंगा स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार, गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र का भी विशेष महत्व होता है, इस अवधि के दौरान गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्तियो के 10 प्रकार के पापों का जिसमें तीन दैहिक, चार वाणी से हुए पाप और तीन मानसिक पाप का नाश होने के कारण इस पर्व को दशहरा कहा जाता है। इस दिन रवि योग और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है,साथ ही शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे धन योग का निर्माण भी होगा।
गंगा स्नान एवं पूजा के बारे में स्वामी जी ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है इस दिन प्रातः 04:26 मिनट से हस्त नक्षत्र लगेगा जिसमें पूजा पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णतः सफल होते हैं साथ ही इस दिन व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा। इस दिन प्रातः काल पवित्र माँ गंगा में स्नान करने के बाद दान पुण्य करने का विशेष फल मिलता है यदि गंगा नदी पर जाना संभव नहीं हो तो गंगाजल को स्नान के पानी में मिलाकर भी गंगा स्नान के पुण्य का लाभ ले सकते हैं।

INPUT – VINAY CHATURVEDI 

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