भगवान को प्राप्त करने का सहज साधन है हरिनाम संकीर्तन : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
1 min readअलीगढ : अचलताल के श्री गौर राधागोविन्द मंदिर पर श्री श्री 1008 बाबा राधेश्यामदास जी महाराज के 50 वें तिरोभाव महोत्सव एवं 17 दिवसीय विशाल हरिनाम संकीर्तन सत्संग का प्रारंभ संकीर्तन शोभायात्रा के साथ किया गया।
शनिवार को प्रातः 7 बजे शोभायात्रा के मुख्य संयोजक पंडित ओमप्रकाश शास्त्री के निर्देशन में श्री बद्रीनारायण मंदिर जयगंज से श्री राधा गोविन्द मंदिर अचल ताल तक शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में बतौर मुख्य अतिथि स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने वेदमन्त्रों के साथ हरी झंडी दिखाकर संकीर्तन यात्रा को प्रारंभ किया। भजनों एवं खड़ताल की धुन पर नृत्य करते हुए भक्तों ने विभिन्न रास्तों से होकर राधा गोविन्द मंदिर पर यात्रा को विराम किया वहां सांय 4 बजे वैदिक मन्त्रों के साथ आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, रवि शास्त्री आदि आचार्यों ने विधि विधान से गणेश पूजन एवं घटस्थापन किया उसके बाद रात्रि 7 बजे अधिवास किया।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने भक्तों की भीड़ की सम्बोधित करते हुए बताया कि सनातन धर्म की एकता अखंडता के लिए 17 दिवसीय अनुष्ठान जिसमें संतों के प्रवचन एवं निरंतर हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से भगवान को पाने का सरल एवं सहज तरीके से पाया जा सकता है।
पंडित ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य विश्व की मंगलमय कामना है, 17 दिवसीय इस अनुष्ठान में देश के विभिन्न जगहों से संत महात्मा एवं विद्वतजनों तथा भक्तों का आगमन होगा प्रतिदिन चलने वाले हरिनाम संकीर्तन यात्रा एवं हनुमान चालीसा पाठ विभिन्न स्थानों पर निर्धारित समय प्रातः 7 बजे से किया जाएगा जिनमें 16 अप्रैल का प्रवचन राधागोविंद मंदिर पर उसके बाद क्रमशः मंदिर श्री गौरांग कुटीर जयगंज,बापू नगर स्थित उर्मिला अरोरा, राधिका वस्त्रलोक तमोलीपाड़ा, विजय माहेश्वरी जैनपुरी,दीपक आहूजा आर. के. पुरम, बद्रीनारायण मंदिर जयगंज, जितेंद्र कुमार शर्मा सराय मानसिंह,राजकुमार पचौरी खाइडोरा, विनोद पच्चिसिया सदानी कम्पाउंड,टीटू वर्मा ब्रह्मनपुरी, गंगा मंदिर सराय ग्वाली, अरविन्द सिंह आगरा रोड, लोकेश गोयल कृष्णापुरी, महेश चंद्र गर्ग गोपालपुरी,बद्रीप्रसाद गुप्त गांधीनगर के पश्चात 2 मई को प्रातः 9 बजे बाबा राधेश्याम दास जी महाराज के विग्रह की पूजा अर्चना एवं प्रसाद के साथ मंदिर श्री गौर राधा गोविन्द जी महाराज अचल ताल पर समाप्त होगी।
INPUT – VINAY CHATURVEDI