अक्षय तृतीया कब है? जानें सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त और महत्व
1 min readअक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हर साल मनाई जाती है। इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है। अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहते हैं और इस प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेरजी की पूजा होती है। इस दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व होता है और साथ ही यह भी मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है और उसका अक्षय फल यानी कि कभी न समाप्त होने वाला फल प्राप्त होता है। इस दिन जप, तप, तर्पण और यज्ञ करने का भी विशेष महत्व होता है। अक्षय तृतीया के दिन आप जो भी चीज घर में खरीदकर लाते हैं उसमें अक्षय वृद्धि होती है। इसके साथ ही किया गया दान भी आपको कई गुना होकर वापस मिलता है।
अक्षय तृतीया की तिथि: शनिवार , 22 अप्रैल 2023
अक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्त : सुबह 7 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को बहुत ही अबूझ मुहूर्त माना जाता है और इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त निकालने की जरूरत नहीं होती। इस दिन किए जाने वाले सभी कार्यों में शुभ फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख समृद्धि आती है। विवाह के लिए यह सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और विष्णुजी की पूजा के बाद पौराणिक कथा पढ़नी चाहिए। अक्षय तृतीया पर 10 महाविद्याओं में से एक श्रीमातंगी देवी का अवतार हुआ है। अक्षय तृतीया पर ही भगवान के विष्णु के हयग्रीव और परशुराम अवतार का भी प्राकट्य हुआ था। इस दिन त्रेता युग और सत्युग की भी शुरुआत हुई थी। इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। इस दिन ये चार धाम की यात्रा आरंभ होती है और सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलते हैं।
अक्षय तृतीया पर सोना चांदी खरीदने के साथ ही नए बिजनस का आरंभ करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस दिन विवाह करने वाले दंपतियों के जीवन में भी सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है। अक्षय तृतीया के दिन गृह प्रवेश करना या फिर नया वाहन लेना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस दान स्वर्ण स्वरूप मानी गई जौ का दान भी करना चाहिए।
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