कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
1 min readअलीगढ : शहर के सांगवान सिटी में सप्तदिवसीय श्रीमद भागवत कथा का प्रारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया। पहले दिन बृन्दावन से पधारे कथा व्यास आचार्य शिवम शास्त्री ने परिसर में स्थित भगवान शिव के मंदिर से कथा पंडाल तक कलश यात्रा निकाली जिसमें वैदिक ज्योतिष संस्थान के मुख्य स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने हरी झंडी दिखाई। गंगाजल से भरे हुए मंगल कलश को महिलाओं ने सर पर रखकर कॉलोनी में जयकारों और ध्वज पताका लिए पदयात्रा की तथा मुख्य संयोजक चेतन शर्मा,श्रीमती अर्चना शर्मा,सोनू शर्मा,श्रीमती शिवानी शर्मा, मोनू शर्मा, पूजा शर्मा ने पोथी पूजन एवं व्यास पूजन किया।
कथाव्यास आचार्य शिवम जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ कलश यात्रा के बाद होता है। कलश रिद्धि-सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिदू धर्म में विशेष महत्व है। कलश पर नारियल रखा जाता है, जो इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को ऊपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। कलश के ऊपर रखी जाने वाली माला संदेश देती है कि जिस तरह फूल महकता है, उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के सुनने मात्र से प्राणियों के द्वारा किए गए जीवन भर के पाप से मुक्ति मिल जाती है। पहले दिन की कथा में कथा व्यास ने श्रीमदभागवत कथा की महिमा, गोकर्ण चरित्र के माध्यम से पंडाल में उपस्थित भक्तो की भीड़ को मनोहारी किया इस अवसर पर दर्जनों की संख्या में उपस्थित होकर भक्तों ने कथा श्रवण की।
INPUT- VINAY CHATURVEDI