भक्ति की डोर से संसार के कष्टों से मिलती है मुक्ति – स्वामी व्यासानंद जी महाराज

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बरौनी ( बेगूसराय ) विश्व स्तरीय संतमत सत्संग का विराट आयोजन हाजीपुर पिपरा में धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है। यह द्वि-दिवसीय आयोजन की शुरुआत 26/2/2019 से ही प्रारंभ हो चुका है। इस आयोजन में श्रद्धालु की भारी भीड़ देखने को मिली। इस विराट सत्संग समारोह में हरिद्वार से बाबा पूज्य स्वामी जी व्यासानंद जी महाराज आये हुए हैं जो ब्रहमज्ञान के मर्मज्ञ है। पूज्य स्वामी श्री व्यासानंद जी महाराज ने भक्तों को उपदेश देते बताए कि ईश्वर भक्ति का डोर पकड़कर ही मनुष्य संसार के सभी कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं। जो भक्त ईश्वर के मार्ग पर चलता है उसके जीवन का भार भगवान पर होता है। इसलिए समाज को ईश्वर के मार्ग पर ही आगे बढ़ना चाहिये। परमात्मा की प्राप्ति अपने अंदर में होती है , बाहर में नहीं – यह दृढ़ निश्चय रखना चाहिए। बाहर में इंद्रियगम्य पदार्थ है। अंदर में इंद्रियगम्य पदार्थ नहीं है।आंख का विषय रूप है। इससे शब्द ग्रहण करना चाहें, तो नहीं हो सकता। जिस इंद्रिय का जो विषय है वह उसी को ग्रहण करेगी।उसी प्रकार परमात्मा इंद्रियगम्य पदार्थ नहीं है,आत्मगम्य है। इसलिए ईश्वर -भजन करने का ऐसा यत्न होना चाहिए कि कैवल्य दशा प्राप्त कर ले, फिर उसे कहीं खोजना नहीं होगा ,वह तो प्राप्त ही है। सत्संग के द्वारा कर्म में प्रेरणा होती है , इसलिए सत्संग नित्य करना चाहिए। गुरु- सेवा करनी चाहिए; क्योंकि इसके बिना अध्यात्म-पथ में चलना असंभव है। हरेक पथ पर चलने के लिए एक सलाहकार की आवश्यकता होती है उसी प्रकार ईश्वर की प्राप्ति के लिए भी गुरु की आवश्यकता होती है। जो सन्मार्ग पर चलता हो, जिस ज्ञान का उपदेश करता हो ,उसके मुताबिक चलता हो ।अगर ज्ञानोपदेश के मुताबिक चलता नहीं है ,तो वह नीचे गिर जाता है, उसके संग से अच्छा रंग नहीं लगेगा। नित्य ध्यानाभ्यास करना चाहिए। ये पाँच विधि कर्म हैं।इन्हें नित्य करना चाहिए। इसीलिए समाज को ईश्वर के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए । इस आयोजक समिति के सदस्य श्री संजय कुमार सिंह,श्री धर्मेंद्र सिंह, श्री पशुपति सिंह,संजय कुमार बंधु,चंदन कुमार, श्री भूषण चौधरी, श्रवण कुमार, राहुल कुमार, विनीत कुमार,अजय कुमार, गौरव कुमार, प्रितम कुमार एवं हाजीपुर ,पिपरा, मालती के हजारों श्रद्धालु मौजूद थे |

INPUT – अभिमन्यु सिंह

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