श्री बांके बिहारी मंदिर पर भजन संकीर्तन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सिकंदराराऊ : रविवार की शाम नगर के मोहल्ला नौरंगाबाद पश्चिमी स्थित मनकामेश्वर श्री बांके बिहारी मंदिर पर भजन संध्या एवं संकीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया सभी श्रद्धालु भक्ति भाव से सराबोर होकर नाचने गाने लगे। मंदिर के पुजारी गौरांग प्रभु ने भगवान श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण, कृष्ण’ इस प्रकार उच्चारण करनेवाली जो वाणी है, यही प्राणियों के पातकों को दूर करने में पूर्णतः समर्थ है। यदि मुकुन्द में आनन्दघनस्वरूपा भक्ति हो जाती है तो मोक्ष-साम्राज्य की लक्ष्मी उस भक्त के चरणकमल में स्वयं आकर लोटने लगती है।यदि जगत का एकमात्र मंगल करनेवाला श्रीकृष्ण-नाम कण्ठ के सिंहासन को स्वीकार कर लेता है तो यमपुरी का स्वामी उस कृष्णभक्त के सामने क्या है? अथवा यमराज के दूतोंकी क्या हस्ती है? करोड़ों की संख्या से भी अधिक ब्रह्माण्डों का जो ऐश्वर्य अथवा जो चेतना है, वह जिसका अंशमात्र है, वही तेज:पुंज ‘कृष्ण’ नाम के रूप में प्रकट हुआ है। वह ‘कृष्ण’ नाम ही मेरा साध्य, साधन और जीवन है। स्वर्गकी प्राप्ति के लिये जो व्यवसाय है, वह लोगों को दीन ही बनाता है। मोक्ष की जो अभिलाषा है, वह मनुष्य को केवल क्लेश का भागी बनाती है और योगाभ्यास तो अत्यन्त नीरस वस्तु है। अत: वैसे प्रयासों से मेरा क्या प्रयोजन है। मेरी जिह्वा तो सब कुछ छोड़कर केवल कृष्ण, कृष्ण’ की रट लगाती रहे। भजन संकीर्तन के पश्चात महा आरती की गई तथा प्रसादी का वितरण किया गया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं एवं पुरूष मौजूद रहे।