बाबा जाहरवीर जी महाराज की कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के सभी दुख दूर हो जाते है

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सिकंदराराऊ : आज मोहल्ला गौसगंज स्थित गौरीशंकर हिंदू इंटर कॉलेज में काली माता मंदिर पर बाबा जाहरवीर ज़ी की साप्ताहिक कथा एवं ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। जिसमें कथावाचक दलबीर सिंह व्यास जी के द्वारा गोरखनाथ जी के जन्म की कथा एवं मछंदर नाथ जी तथा दत्तात्रेय महाराज जी की कथा का श्रवण कराया गया। जिसमें भक्तों के द्वारा भक्ति भाव से कथा का श्रवण किया गया।, कथा व्यास जी कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जाहरवीर गोगा (गुग्गा) नवमी के दिन नागों की पूजा करते हैं। मान्यता है कि गुग्गा देवता की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है। गुग्गा देवता को सांपों का देवता भी माना जाता है। गुग्गा देवता की पूजा श्रावण मास की पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन से आरंभ हो जाती है। यह पूजा-पाठ नौ दिनों तक यानी नवमी तक चलती है इसलिए इसे गुग्गा नवमी कहा जाता है। जाहरवीर नवमी के विषय में एक कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार गुग्गा मारु देश का राजा था और उनकी मां बाछला, गुरु गोरखनाथ जी की परम भक्त थीं। एक दिन बाबा गोरखनाथ अपने शिष्यों समेत बछाला के राज्य में आते हैं।रानी को जब इस बारे में पता चलता है तो वह बहुत प्रसन्न होती हैं।इधर बाबा गोरखनाथ अपने शिष्य सिद्ध धनेरिया को नगर में जाकर फेरी लगाने का आदेश देते हैं। गुरु का आदेश पाकर शिष्‍य नगर में भिक्षाटन करने के लिए निकल पड़ता है। भिक्षा मांगते हुए वह राजमहल में जा पहुंचता है तो रानी उसे बहुत सारा धन प्रदान करती हैं। लेकिन शिष्य वह लेने से मना कर देता है और सिर्फ थोड़ा-सा ही अनाज मांगता है।

vinay

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