भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था: आचार्य बृजेश पाठक

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श्रीरामकथा के तीसरे दिन श्रीराम का जन्म होते ही पंडाल जयकारों से गूंज उठा। कथा व्यास प.ब्रजेश पाठक ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। श्री राम कथा में उपायुक्त सहकारिता विभाग अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ अरविंद कुमार दुबे का आयोजन समिति ने स्वागत किया।
कथावाचक ने कहा कि संतान की कामना लेकर राजा दशरथ अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। गुरु वशिष्ठ शृंगी ऋषि से पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते हैं। यज्ञ कुंड से प्रकट होकर अग्नि देव राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। खीर का प्रसाद ग्रहण करने से कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न पुत्र रूप में प्राप्त होते हैं। रामजन्म पर महिलाओं ने सोहर गाना शुरू कर दिया और पंडाल प्रभु श्रीराम के जयकारे से गूंजने लगा।
उन्होंने कहा कि गंगा में स्नान से शुद्धि होगी या नहीं, इसमें संदेह हो सकता है, लेकिन श्रीराम कथा में जो मनुष्य डुबकी लगा लेता है, उसका उद्धार निश्चित है। राम चरित्र धर्म, शांति, पवित्रता, मोक्ष, सुख प्रदान करने वाला अलौकिक चरित्र है। इसे आत्मसात करने से मानव जीवन का कल्याण होता है। जीवन जीने की कला हमें भगवान राम का जीवन चरित्र सिखाता है।

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